निर्देशक: अभिषेक शर्मा
कलाकार: मनोज बाजपेयी, दिलजीत दोसांज, फातिमा सना शेख, सुप्रिया पिलगांवकर, मनोज पाहवा, सीमा पाहवा, अन्नू कपूर, विजय राज
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कोरोना के डिप्रेशिव पीरियड के बाद दीवाली के खुशनुमा माहौल में हंसती गुदगुदाती फिल्म सूरज पे मंगल भारी को जी5 लेकर आया है। इसके अलावा सिनेमाघरों में भी यह 15 नंवबर को रिलीज होने जा रही है।
ऐसी है फिल्म की कहानी
फिल्म 1990 के दशक की बंबई में मंगल राणे (मनोज बाजपेयी) और सूरज (दिलजीत दोसांज) की कहानी है। जो अनचाहे ही एक-दूसरे के दुश्मन बन जाते हैं। कई बार यूं होता है कि जिंदगी जिनकी खुशियां छीन लेती हैं, उन्हें दूसरों की खुशियां बर्दाश्त नहीं होती। मंगल राणे की जिंदगी का प्यार छिन चुका है और नतीजा यह कि उसे अच्छा नहीं लगता कि दूसरों को उनका प्यार मिले। वह मैरिज डिटेक्टिव बन जाता है। लड़की वाले रिश्ता करने से पहले उसके पास जाकर लड़कों की खोज-खबर निकलवाते हैं और मंगल लड़कों के ऐब ढूंढ निकालता है।
मंडप में गूंजने से पहले ही शहनाइयों के स्वर बंद पड़ जाते हैं। सूरज की जिंदगी में भी मंगल का फेरा पड़ता है और उसकी शादी होते-होते रह जाती। तब सूरज कसम खाता है कि वह सूरज की बहन तुलसी राणे (फातिमा सना शेख) को ही अपने प्यार के जाल में फंसाएगा और शादी करेगा। लेकिन तुलसी के जीवन में भी एक रहस्य है। आगे की कहानी इसी घटनाक्रम का रोचक ड्रामा है। यहां पंजाबी और मराठी किरदारों का मिक्स नया रंग पैदा करता है।
स्लो है लेकिन मजा आएगा
नब्बे के दशक की कहानी होने की वजह से इसमें 20-20 वाली रफ्तार ढूंढने पर आपको निराशा होगी लेकिन थोड़ा धैर्य रखेंगे तो मन में फिल्म का रंग जमेगा। यह बॉलीवुड मिजाज वाली फिल्म है और विषय ही इसकी विशेषता है। सरल-सहज कहानी को मनोज बाजपेयी और दिलजीत दोसांज ने अपने परफॉरमेंस से चमकाया है।
कलाकार ने दिया 100 फीसदी
फातिमा सना शेख, सुप्रिया पिलगांवकर, मनोज पाहवा, सीमा पाहवा, अन्नू कपूर और विजय राज ने उन्हें अच्छा सहयोग दिया है। मनोज बाजपेयी एक बार फिर इस बात को झुठलाते हैं कि वह कलात्मक या गैर-पारंपरिक फिल्मों के नायक हैं। उनके रोल में मंगल की चमक उभरती है। जबकि सूरज बने सरदार हीरो दिलजीत ने गुड न्यूज (2019) के बाद फिर अपने कॉमिक अंदाज से गुदगुदाया है। फिल्म का गीत-संगीत भी ध्यान आकर्षित करता है।
डायरेक्टर: निर्देशक अभिषेक शर्मा ने ड्रामे में संतुलन बनाए रखा। वह रोमांस को ज्यादा खींचने के चक्कर में नहीं पड़े और लड़का-लड़की के बीच रोमांटिक गाना शूट करने के मोह में नहीं उलझे। इक्का-दुक्का हल्के-फुल्के संदर्भों को छोड़ दें तो यह कॉमेडी परिवार के साथ देखी जा सकती है। लंबे समय से पारिवारिक मनोरंजक फिल्म की भरपाई इससे होती है।

क्रू मैंबर्स के लिए आयोजित किया स्पेशल प्रीमियर
इससे पहले गुरुवार की शाम जी स्टूडियोज ने अपनी पहली इन-हाउस प्रोडक्शन फिल्म सूरज पे मंगल भरी का एक स्पेशल प्रीमियर आयोजित किया। यह फिल्म जुड़े कलाकारों और क्रू मैंबर्स के लिए था। इस दौरन फिल्म के कलाकार मनोज वाजपेयी, दिलजीत दोसांझ, फातिमा सना शेख, करिश्मा तन्ना, निर्देशक अभिषेक शर्मा, जी स्टूडियो के सीईओ शारिक पटेल, संगीत संगीतकार जावेद-मोहसिन सहित कई अन्य लोग रेड कारपेट पर दिखाई दिए। इस दौरान फिल्म से जुड़े सभी लोगों ने अपनी मेहनत को पहली देख कर रोमांचित थे। उनके लिए यह पहला अनुभव था जब वे अपने परिश्रम से कोरोना महामारी के बाद उपजे तनाव पूर्ण माहौल को दूर कर दर्शकों तक एक हंसती गुदगुदाती फिल्म परोसने जा रहे हैं।
ऐसा लगा जैसे जीवन का पहला सावन लौट आया: अभिषेक शर्मा
इसके बारे में बात करते हुए डायरेक्टर अभिषेक शर्मा कहते हैं, इस तरह की फिल्में पारिवारिक अनुभव हैं और यही इस फिल्म को बनाने का पूरा विचार था। यह सामुदायिक देखने और परिवारों को एक साथ आनंद लेने के लिए है। मुझे खुशी है कि फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। हम फिल्म के प्रीमियर पर इतने भावुक थे क्योंकि यह हम सभी के लिए काफी दुखद वर्ष रहा है। ऐसा लगा कि सामान्य जीवन का पहला सावन हमारे जीवन में लौट रहा है। हम एक साथ हंसे और हमारी आंखों में खुशी के आंसू थे। कई कारणों से, यह मेरे लिए सबसे खास फिल्मों में से एक है।