BolBolBollywood.com, स्पेशल, स्टारी, मुंबई। बॉलीवुड में चार दशक तक 70 फिल्मों में दमदार अभिनय से चाहने वालों की लम्बी फौज खड़ी करने वाली अभिनेत्री नूतन (Nutan) की आज Death एनिवर्सरी है। उनका निधन 21 फरवरी 1991 को 54 साल की उम्र में कैंसर की वजह से हुआ था। नूतन की हिट लिस्ट में अनाड़ी, सुजाता, पेइंग गेस्ट, सीमा, बंदिनी, सरस्वती चद्र, मिलन और मैं तुलसी तेरे आंगन सहित कई अन्य फिल्में शामिल हैं। नूतन का जन्म 4 जून 1936 को हुआ था।
14 साल की उम्र में ‘हमारी बेटी’ से करियर की शुरुआत करने वाली नूतन ने फिल्मों में शो पीस वाली धारणाओं को तोड़कर एक नई परिपाटी खड़ी की है। इसके बाद उन्होंने ‘नगीना’ और ‘हम लोग’ (1951) जैसी फिल्मों में अभिनय किया। 1955 में आई फिल्म ‘सीमा’ में उनकी भूमिका ने व्यापक पहचान दिलाई और उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार हासिल हुआ।
नूतन 1970 के दशक के अंत तक 1960 के दशक के दौरान प्रमुख भूमिकाएं निभाती रहीं और सुजाता (1959), बंदिनी (1963), मिलन (1967) और तुलसी तेरे आंगन की (1978) में अपनी भूमिकाओं के लिए चार अन्य अवसरों पर पुरस्कार जीतती रहीं। । इस अवधि की उनकी कुछ अन्य फिल्म अनाड़ी (1959), छलिया (1960), तेरे घर में (1963), सरस्वती चंद्र (1968), अनुराग (1972) और सौदागर (1973) शामिल हैं।
1980 के दशक में नूतन ने चरित्र भूमिकाएं शुरू कीं और अपनी मृत्यु से कुछ समय पहले तक काम करना जारी रखा। उन्होंने साजन की सहेली (1981), मेरी जंग (1985) और नाम (1986) जैसी फिल्मों में ज्यादातर मां की भूमिकाएं निभार्इं। मेरी जंग में उनके प्रदर्शन ने उन्हें छठा और आखिरी फिल्मफेयर पुरस्कार दिया। नूतन ने 1959 में नौसेना लेफ्टिनेंट-कमांडर रजनीश बहल से शादी की थी। उनका एक बेटा मोहनीश बहल जो एक फिल्म और टेलीविजन अभिनेता है।
जब अपनी ही फिल्म के प्रीमियर में नहीं मिली एंट्री
नूतन से जुड़ा एक किस्सा काफी मशहूर है। दरअसल, उन्हें अपनी ही फिल्म के प्रीमियर में नहीं जाने दिया गया। जिसके चलते उनकी थियेटर के वॉचमैन से जमकर बहस भी हो गई थी। दरअसल 1951 में फिल्म ‘नगीना’ रिलीज हुई थी, जिसमें काफी डरावने सीन भी थे, जिसके चलते यह फिल्म नाबालिगों के देखने की मनाही थी। नूतन की उम्र उस वक्त महज 15 साल थी और वे अपने अपने फैमिली फें्रड शम्मी कपूर के साथ फिल्म के प्रीमियर पर पहुंची थीं। थिएटर पहुंचने से पहले नूतन को लग रहा था कि वो फिल्म की हीरोइन हैं तो उनका जोरदार स्वागत होगा, लेकिन हुआ इसका उलटा। वॉचमैन ने थिएटर के गेट पर ही नूतन को रोक दिया। काफी बहस के बाद भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया।