मुंबई। हिंदी फिल्मों में कॉप की भूमिका में हमेशा पुरुषों का दबदबा रहा है। लेकिन अब एक नई फोर्स नई परिपाटी को खड़ा के लिए तैयार है। ‘महिला वीरता’ की सबसे बड़ी कहानियों में से एक बड़े पर्दे पर अपना प्रभाव बनाने के लिए तैयार होने जा रही है। दरअसल, यह साल 2019 की कहानी है। जब गुजरात में आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) की एक महिला टीम ने राज्य के खूंखार अपराधियों में से एक को पकड़ा था। यह एटीएस द्वारा किए गए सबसे खतरनाक मिशनों में से एक था। फिल्म में चार महिलाओं संतोक ओडेदरा, नितमिका गोहिल, अरुणा गमेती और शकुंतला माल के नेतृत्व में अंजाम दिए गए आॅपरेशन को दिखाया जाएगा।ये चारों महिलाएं अलग-अलग पृष्ठभूमि से हैं, जिन्होंने सब कुछ जोखिम में डाल दिया और डकैत को सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया।
गुजरात के आतंकवाद-निरोधी दस्ते के डीआईजी हिमांशु शुक्ला ऐसे शख्स थे, जिन्होंने इन चारों महिलाओं को मिशन की कमान सौंपी थी। वे कहते हैं, ‘खूंखार अपराधी को पकड़ने में महिला टीम की सफलता सभी को याद दिलाती है कि पुलिसिंग में महिलाओं के साथ भेदभाव निराधार है। यह एक बहुत ही खतरनाक आॅपरेशन था और मुझे इसमें सफल होने वाली महिला टीम पर गर्व है। मुझे खुशी है कि इस बहादुर प्रयास को अब बड़े पर्दे पर दिखाया जाएगा।’
इस ऐतिहासिक आॅपरेशन में चार महिलाओं की सहायता करने वाले पुलिस इंस्पेक्टर जिग्नेश अग्रवाल थे, जिनकी ग्राउंड इंटेलिजेंस में विशेषज्ञता ने टीम का मार्गदर्शन किया। फिलहाल चार महिला नायक के लिए कास्टिंग का काम जारी है। फिल्म 2021 के मध्य में फ्लोर पर जाएगी। इसके निर्देशक आशीष आर मोहन कहते हैं कि, ‘इन बहादुर महिलाओं की इस प्रेरक सच्ची कहानी को बड़े पर्दे पर लाना वास्तव में मेरे लिए गर्व की बात है।’
इस अविश्वसनीय सच्ची कहानी पर आधारित एक्शन-थ्रिलर संजय चौहान (पान सिंह तोमर) द्वारा लिखित है। फिल्म का निर्माण वाकाओ फिल्म्स (विपुल डी. शाह, अश्विन वर्दे और राजेश बहल) द्वारा निर्मित है।