BolBolBollywood.com, स्पेशल स्टोरी, मुंबई। बॉलीवुड की वेटरन अभिनेत्री पद्मा खन्ना (Padma Khanna) आज अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। जीवन के 71 साल पूरे कर चुकीं इस टेलेटेंड अभिनेत्री पर उनके चाहने वालों की दुआओं का ऐसा असर है कि वह इस उम्र में भी जिंदगी को खूबसूरत अंदाज में जीती जा रही है। वह अमेरिका में क्लासिकल डॉन्स गुरु के तौर पर काम कर रहीं है। दरअसल, पद्मा खन्ना शादी के बाद 1990 से अपने पति जगदीश एल सिधाना के साथ अमेरिका के न्यूजर्सी में रहने लगी थी। वहां पर एक कथक एकेडमी चला रही है। 10 मार्च 1949 को जन्मी पद्मा 1970 और 1980 के दशक में हिन्दी, भोजपुरीख् पंजाबी और मराठी सिनेमा की जानी-मानी अदाकारा रहीं हैं। उनके अहम किरदारों में अमिताभ बच्चन के साथ सौदागर और रामानंद सागर की रामायण में रानी कैकेयी की यादगार भूमिका शामिल है। इसके अलावा पद्मा ने दो तेलुगु, दो मराठी, दो पंजाबी और एक गुजराती फिल्मों में भी काम किया है।
7 साल की उम्र से कथक की ट्रेनिंग
पद्मा खन्ना ने कथक सीखने की शुरुआत महज सात साल की उम्र से कर दी थी। पटना में जन्मी इस अभिनेत्री ने पंडित बिरजू महाराज से कथक की शिक्षा हासिल की थी। खास बात यह है कि जब बॉलीवुड की मील का पत्थर साबित हुई फिल्म ‘पाकीजा’ की शूटिंग चल रही थी तब मीना कुमारी बहुत ज्यादा बीमार हो गर्इं थी। तब हालात ऐसे नहीं थे कि मीना कुमारी किसी गाने पर परफॉर्म कर सके। ऐसे में पाकीजा का ‘आज हम अपनी दुआओं का असर देखेंगे’ में बॉडी डबल का इस्तेमाल किया गया था। इसमें परफॉर्म करने वाली कोई नहीं बल्कि पद्मा खन्ना ही थी। इस गाने के अधिकतर सीन में मीना कुमारी घूंघट में नजर आई थीं। मीना कुमारी की सेहत बेहद नासाज हो चुकी थी और इसका असर उनके शरीर पर भी दिखाई दे रहा था। इस वजह से डायरेक्टर और उनके पति कमाल अमरोही ने सिर्फ कुछ सीन में मीना कुमारी का क्लोज चेहरा दिखाया था। जबकि डॉन्स मूव वाले सीन पद्मा खन्ना पर फिल्माए गए थे। इसी फिल्म का एक अन्य गीत ‘चलो दिलदार चलो’ में भी पद्मा की मौजूदगी बताई जाती है।
भोजपुरी फिल्म से शुरू हुआ करियर
पद्मा खन्ना का फिल्मी करियर भोजपुरी फिल्म ‘गंगा मैया तोहे पियारी चढ़ाऊ’से शुरू हुआ था। उन्हें 1970 में बड़ा ब्रेक तब मिला जब वह ‘जॉनी मेरा नाम’ में एक कैबरे डांसर की भूमिका में दिखाई दी। 2008 में उन्होंने अपने पति जगदीश एल सिदाना द्वारा निर्देशित एवरी फिशर हॉल, न्यू यॉर्क सिटी में 64 अभिनेताओं और नर्तकियों के साथ महाकाव्य रामायण पर आधारित एक संगीतमय नृत्य किया था। यही नहीं उन्होंने एक भोजपुरी फिल्म ‘नाहिर हुटल जाया’ (2004) का निर्देशन भी किया था।