Home यादों का झरोखा Raja Harish chandra : देश की पहली Silent Movie को हो गए...

Raja Harish chandra : देश की पहली Silent Movie को हो गए 108 साल, 1913 में 3 मई को हुई थी Release

0
843

BolBolBollywood, स्पेशल स्टोरी, मुंबई। देश की पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चन्द्र (Raja Harish chandra) को रिलीज हुई आज 108 साल हो गए। यह मूक फिल्म 3 मई को 1913 में फुल लेंथ में प्रदर्शित की गई थी। इसके निर्माता-निर्देशक दादा साहेब फाल्के थे। फिल्म (Raja Harish chandra) को दत्तात्रेय दामोदर दाबके, अन्ना सालुके, गजानन वासुदेव और भालचंद्र फाल्के पर फिल्माया गया था। दरअसल, दादा साहेब फाल्के ने 1906 में आई फिल्म ‛द लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ को देखकर फिल्म निर्माण का फैसला लिया था। इसके बाद वे 2 सप्ताह के लिए लंदन रवाना हो गए। जहां उन्होंने फिल्म निर्माण की तकनीक सीखी और लौटकर फाल्के फिल्म्स कंपनी की नींव रखी। इसके बाद फिल्म मेकिंग के लिए इक्यूपमेंट को इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी और यूनाइटेड स्टेट से आयात किया था।

चूंकि दादा साहेब फाल्के ने फिल्म निर्माण की ठान तो लिया था लेकिन सबसे बड़ी चुनौती फाइनेंसर तलाशने की थी। जिसका समाधान उन्होंने एक शार्ट मूवी शूट करके निकाला। दरअसल, उनका उद्देश्य था कि वे ‛अंकुरांची वध’ नाम से बनाई गई शार्ट फ़िल्म से इन्वेस्टर को समझाने में सफल रहेंगे। इसके बाद मीडिया में एक विज्ञापन कास्टिंग के लिए निकाला गया। लेकिन, हैरानी की बात यह थी कि कोई भी महिला फिल्म में लीड रोल के लिए नहीं मिली थी। इसके बाद फैसला किया गया कि महिला की भूमिका भी मेल एक्टर से ही करवाई जाए। फिल्म का निर्माण 6 महीने की अवधि में पूरा कर लिया गया।

21 अप्रैल 1913 को हुआ था प्रीमियर
राजा हरिश्चंद्र का प्रीमियर 21 अप्रैल 1913 को ओलिम्पिया थियेटर बॉम्बे में रखा गया था। जबकि फिल्म को थियेटर में इसके 11 दिन बाद 3 मई को रिलीज किया गया था।

1 अप्रैल 1912 की फाल्के फिल्म कंपनी की स्थापना
14 अप्रैल 1911 को, दादासाहेब फाल्के अपने बड़े बेटे भालचंद्र के साथ अमेरिका के इंडिया पिक्चर पैलेस गिरगांव में एक फिल्म देखने पहुंचे। जिसका नाम था ‛अमेजिंग एनिमल्स’। इस दौरान स्क्रीन पर जानवरों को देखकर वे आश्चर्यचकित हो गए। इसके बाद भालचंद्र ने उस दिन के अपने अनुभव के बारे में अपनी मां सरस्वती बाई को बताया। लेकिन, परिवार का कोई भी सदस्य उन पर विश्वास नहीं कर रहा था, इसलिए फाल्के अपने परिवार को अगले दिन फिल्म दिखाने ले गए। इसके बाद फिल्म निर्माण की तकनीक सीखने के लिए लंदन में अपनी दो सप्ताह की यात्रा पूरी करने के बाद उन्होंने 1 अप्रैल 1912 को फाल्के फिल्म्स कंपनी की स्थापना की थी