
BolBolBollywood Special, Story मुंबई। सिने क्षेत्र के सबसे बड़े सम्मान दादा साहब फाल्के अवॉर्ड 2019 (Dadasaheb Phalke Award) से आज सुपर स्टार रजनीकांत (Rajnikanth) को नवाजा गया है। Rajinikanth यह पुरस्कार पाने वाले चौथे तमिल अभिनेता है। इससे पहले एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर एल वी प्रशांत को 1982, शिवाजी गणेशन को 1996, फिल्ममेकर और डायरेक्टर के बालाचंदर का 2010 को यह सम्मान दिया जा चुका है। इससे पहले 2018 में मेगा स्टार अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) यह सम्मान हासिल कर चुके हैं।
1969 और Devika Rani पहली महिला एक्ट्रेस
1969 में शुरू हुए इस अवॉर्ड से सबसे पहले हिन्दी सिनेमा की पहली लेडी कलाकार देविका रानी (Devika Rani) सम्मानित किया गया था। इसके बाद से अब तक 51 पुरस्कार दिए जा चुके हैं। जिनमें से कुल 6 महिलाएं अब तक यह पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) अपने नाम कर पाई है। इनमें 1969 में देविका रानी, रूबी मेयर (सुलोचना) 1973, कनन देवी 1976, लता मंगेशकर 1989 और इसके बाद आशा भोंसले को 2000 में यह सम्मान नवाजा गया था। अब तक 51 बार दिए जा चुके इस पुरस्कार में से 44 बार पुरुष कलाकारों को यह सम्मान दिया गया है। लेकिन, हैरानी के बात यह है कि बॉलीवुड में कई दिग्गज अदाकाराओं की मौजूदगी के बावजूद सम्मान पाने वाली महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व कई सवाल खड़े करता है।

स्वर्ण कमल, शॉल और दस लाख रुपए की राशि
बता दें कि सिनेमा में आउट स्टैंडिंग अवॉर्ड के लिए इस पुरस्कार के तहत स्वर्ण कमल, शॉल और दस लाख रुपए की राशि दी जाती है। इससे पहले रजनीकांत (Rajinikanth) को 2016 में पद्म विभूषण और पद्म भूषण (2000) से नवाजा जा चुका है। Rajinikanth ने अपने करियर की शुरुआत साल 1975 में के बाला चंदर के निर्देशन में बनी फिल्म ‘अपूर्वा रागांगल’ से की थी।