मुंबई | वैसे तो संगीत जादूगर पंचम दा का नाम किसी से भी अछूता नहीं है<पर आज उनका जिक्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि आज आरडी बर्मन की 27वीं पुण्यतिथी (RD Burman Death Anniversary) है | RD Burman कोई आम व्यक्ति नहीं बल्कि संगीत की दुनिया की वह धुन है जो आज भी हर किसी के दिलों दिमाग में बसती है |पंचम दा का पूरा नाम राहुल देव बर्मन (RD Burman)था| उन्होंने अपने जीवन काल में 331 फिल्मों में संगीत दिया था |
महान संगीतकार आरडी बर्मन का जन्म संगीतकार सचिन देव बर्मन के घर 27 जून 1939 को कोलकाता में हुआ था |इनकी मां मीरा देवबर्मन एक गीतकार थीं। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा बंगाल से ही हुई थी।आरडी बर्मन अब तक के सबसे सफल संगीतकार हैं जिन्होंने 60 से 80 दशक के दौरान फिल्मों को बहुत ही उम्दा संगीत दिया ,आज तक भी कोई संगीतकार उस मुकाम तक पहुँच नहीं पाया है जहाँ पंचम दा ने खुद को स्थापित किया था |
महज 9 साल की उम्र में पहला संगीत
महज 9 साल की छोटी सी उम्र में पंचम दा ने अपना पहला संगीत कम्पोज़ किया था जिसे उनके पिता ने फिल्म ‘फंटूश’ में ए मेरी टोपी पलट के’ गाने के लिए इस्तेमाल किया था।इसके बाद 18 साल की उम्र में पंचम दा ने “सर जो तेरा चकराये …” की धुन तैयार की जिसे गुरुदत्त की फ़िल्म “प्यासा” में ले लिया गया और इस गाने के बाद यह नौजवान रातों रात लोगों के दिलों दिमाग पर छा गया था और फिर उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा | हालांकि आर डी बर्मन और उनके पिता का संगीत एक दुसरे से काफी अलग था और उनके पिता को उनका संगीत कभी रास नहीं आया क्योंकि वह अपने संगीत में इन्डियन के साथ वेस्टर्न को भी मिक्स कर देते थे।हिंदी गानों में जैज़ (Jazz) और रॉक स्टाइल को लाने का क्रेडिट भी उन्हें ही दिया जाता है|
ऐसे RD Burman से बने थे पंचम
राहुल देव बर्मन के पंचम नाम का किस्सा भी बहुत ही दिलचस्प था | RD Burman के पिटा सचिन देव बर्मन और अशोक कुमार का रिश्ता काफी करीबी था |दोनों बहुत अच्छे दोस्त हुआ करते थे और दोनों में खूब छनने के कारण दोनों अकसर एक दुसरे के साथ काफी समय बिताया करते थे |एक बार जब अशोक कुमार सचिन देव बर्मन से मिलने उनके घर पहुँचे तो राहुल देव बर्मन बहुत ही जोर जोर से रो रहे थे और अशोक कुमार ने कहा यार सचिन तेरा बेटा तो रोता भी पंचम में है’ बस तब से उन्हें पंचम कहा जाने लगा। फिर इस पंचम की ऐसी छाप पड़ी कि आज भी उहे प्यार से पंचम दा नाम से ही याद किया जाता है |वैसे बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि उनके घर पर प्यार से उन्हें सभी तबलू कहकर पुकारा करते थे |

शॉर्ट्स में भागकर लिया था इस ख़ास व्यक्ति का ऑटोग्राफ
संगीत की दुनिया में आर डी बर्मन और लता मंगेशकर Lata Mangeshkar की जोड़ी ने कई ऐतिहासिक गाने दिए हैं, पर शायद बहुत कम ही लोगों यह जानते होंगे कि आर डी ने जब पहली बार लता को देखा, तो वह शॉर्ट पहने हुए ही उनका ऑटोग्राफ लेने भागे थे |हुआ कुछ यूँ था कि लता जी एक बार एस डी बर्मन साहब की रिकॉर्डिंग कर रही थी और उसी दौरान खाकी शॉर्ट और सफेद शर्ट पहने हुए पंचम दा आये और उनका ऑटोग्राफ लिया |उसके कुछ सालों बाद मुझे महमूद साहब की फिल्म ‘छोटे नवाब’में पंचम दा ने संगीत दिया और लता जी का गाना रिकॉर्ड किया और यह गाना था ‘घर आजा घिर आई’’|उसके बाद उनकी और लताजी कि जोड़ी ने कई कमाल के गाने इंडस्ट्री को दिए |


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किशोर कुमार के साथ ये ख़ास रिश्ता
यूँ तो किशोर कुमार और आर डी बर्मन की उम्र में दस साल का फासला था ,मगर उन दोनों की जोड़ी को लोगों ने काफी पसंद किया और उनकी जोड़ी का संगीत आज भी लोगों के सर चढ़कर बोलता है |70 के दशक में वह पंचम दा ही थे जिन्होंने किशोर कुमार और आशा भोसले को सफलता के पायदान पर चढ़ाया था |इस रिश्ते की शुरुआत भी काफी रोचक तरीके से हुई थी | यह बात उस समय की है जब किशोर कुमार खंडवा से मुंबई आकर स्ट्रगल कर रहे थे। आरडी बर्मन एक स्टूडियो पहुंचे, जहां पर बाहर काफी लोग जमा थे, लेकिन उनकी नजर दीवार पर बैठे एक आदमी पर पड़ी जो बहुत हल्ला मचा रहे थे और जोर जोर से गाने गा रहे थे। पंचम दा ने पूछा कि वह कौन है। तब किसी ने उन्हें बताया कि यह अशोक का छोटा भाई है। तब आरडी बर्मन ने कहा कि यह पागल टाइप का आदमी है, इसके साथ मेरी खूब जमेगी। ।वैसे तो उन्होंने लता मंगेशकर , आशा भोसले, मोहम्मद रफी और किशोर कुमार जैसे बड़े कलाकारों से अपने फिल्मों में गाने गवाए,मगर किशोर और आशा के साथ उनका रिश्ता काफी ख़ास रहा |

संगीत सफरनामा
आर डी बर्मन ने तकरीबन 331 फिल्मों में संगीत दिया जिनें 292 हिंदी फिल्में थीं| इसके अलावा उन्होंने बंगाली, तमिल, तेलुगू और उड़िया फिल्मों के लिए भी संगीत दिया| पंचम दा ने ढेरों फिल्मी गानों के लिए भी संगीत दिया|
उन्होंने कटी पतंग यादों की बारात, हीरा पन्ना , अनामिका , शोले ,पड़ोसन जैसी कई बड़ी फिल्मों में संगीत दिया।पंचम दा ने ‘रात कली एक ख्वाब में आई’ (बु्ड्ढा मिल गया), ‘पिया तू अब तो आजा’ (कारवां), ‘दम मारो दम’ (हरे रामा हरे कृष्णा) और ‘रैना बीती जाए’ (अमर प्रेम) जैसे कई नायाब गाने बॉलीवुड को दिए| बतौर संगीतकार आर डी वर्मन की आखिरी फिल्म ‘1942 अ लव स्टोरी’ रही। वर्ष 1994 में आरडी बर्मन (Rahul Dev Barman) का 54 वर्ष की आयु में 4 जनवरी को निधन हो गया। अनिल कपूर की ‘1942: ए लव स्टोरी’ उनकी आखिरी फिल्म बनी, जिसके लिए उन्होंने संगीत तैयार किया। संगीतकार की मृत्यु के बाद फिल्म का संगीत रिलीज़ किया गया। यह तुरंत हिट हो गया और मरणोपरांत उन्हें अपना तीसरा और आखिरी फिल्मफेयर पुरस्कार मिला।
उलझन भरी रही निजी जिंदगी
संगीत के इस जादूगर की निजी जिंदगी काफी उलझनों से भरी रही | उनकी पहली शादी उनकी एक फैन रीता पटेल से हुई थी। जिनसे पंचम दा पहली दफा दार्जलिंग की वादियों में मिले थे ,मगर यह रिश्ता ज्यादा समय नहीं टिका और 1966 में हुई यह शादी 1971में टूट गयी और फिर उनका तलाक हो गया। पत्नी से तलाक के बाद पंचम दा ने ‘परिचय’ फिल्म का गीत ‘मुसाफिर हूं यारों’ कम्पोज किया जो काफी फैमस हुआ था |इस गाने में उनका अकेलापन उभर कर सामने आया था |


ऐसे जुड़े आशा से दिल के तार
वैसे तो आशा भोंसले और आर डी बर्मन काफी समय से साथ काम कर रहे थे ,मगर पंचम दा के तलाक और आशा ताई के पति गणपतराव भोसले के 1966 में निधन के बाद दोनों अपना दर्द बांटते हुए काफी करीब आ गए थे | वैसे उनका यह दर्द का रिश्ता काफी लम्बे समय तक बस नगमों तक ही सीमित था मगर पंचम दा मन ही मन आशा को पसंद करने लगे थे ,फिर एक दिन उन्होंने आशा को प्रपोज़ कर दिया |हालाँकि आशा अब तक अपने पति के गम से उबर नहीं पाई थी इसलिए पहले तो उन्होंने इनकार कर दिया मगर बाद में लता जी के सहयोग से इनका रिश्ता परवान चढ़ ही गया और 1980 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए |
पंचम दा ने भारतीय फिल्म संगीत जगत में क्रांति लाने का काम किया था| पंचम दा सदियों तक आने वाले संगीतकारों को प्रेरित करते रहेंगे| उनका संगीत वक्त से काफी आगे था| RD Burman आज भले ही इस दुनिया में ना हो मगर वह अपने संगीत के जरिये लोगों के दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे |संगीत के इस जादूगर को बोल बोल बॉलीवुड की तरफ से उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि |
