“धर्मेन्द्र” ये नाम सुनते या दिमाग़ में आते ही रौबदार, शानदार, मज़बूत शरीर वाले, सदाबहार अभिनेता का फूलों सा खिलखिलाता-मुस्कुराता चेहरा आँखों के सामने आ जाता है.
१९६० में प्रदर्शित “दिल भी तेरा हम भी तेरे” से अपने अभिनय सफ़र की शुरुआत करने वाले इस जाट पुत्तर को, सिने जगत में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में ज़रा भी देर नहीं लगी.
बन्दिनी, दिल ने फिर याद किया, अनपढ़, आँखें, काजल, फूल और पत्थर, देवर, सत्यकाम, अनुपमा में अपनी बेहतरीन अदाकारी से “धर्मेन्द्र” ने लोगों को अपना दीवाना बना दिया. अनुपमा में शानदार अभिनय के लिये उन्हें १४ वें राष्ट्रीय फ़िल्म फेयर पुरस्कार समारोह में स्मारिका देकर सम्मानित किया गया.
उसके बाद तो उन्होंने आया सावन झूम के, मेरे हमदम मेरे दोस्त, इश्क़ पर ज़ोर नहीं, प्यार ही प्यार, जीवन मृत्यु, शिकार, ब्लैकमेल, क़ीमत, कब क्यों और कहाँ, मेरा गाँव मेरा देश जैसी सुपरहिट फ़िल्मों की झड़ी ही लगा दी. अभिनेत्रियाँ उनके साथ काम करने के लिये तो निर्माता उन्हें अपनी फ़िल्मों में लेने के लिये होड़ लगाने लगे.
लेकिन इतनी आशातीत सफलता के बावजूद, स्वर्णिम दौर आना अभी बाक़ी था. सिने जगत की सबसे सफलतम जोड़ियों में से एक धर्मेन्द्र-हेमा मालिनी के दौर का. इस सदाबहार-यादग़ार जोड़ी ने एक के बाद एक राजा जानी, सीता और गीता, शराफ़त, नया ज़माना, पत्थर और पायल, जुगनू, तुम हंसीं मैं जवां, दोस्त, चरस, माँ, चाचा-भतीजा, आज़ाद, शोले, राजपूत, रज़िया सुलतान जैसी सुपर डुपर हिट फ़िल्में देकर धूम मचा दी.
धर्मेन्द्र एकमात्र ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने रोमांटिक और ऐक्शन हीरो दोनों के बतौर अपनी ज़बर्दस्त धाक जमाई. कॉमेडी की बात करें तो चुपके-चुपके और शोले को भला कौन भूल सकता है. १९९७ में उन्हें फ़िल्म फ़ेयर लाइफ़ टाइम अचीवमेंट सम्मान से नवाज़ा गया. अपने आदर्श दिलीप कुमार और सायराबानो से सम्मान प्राप्ति के दौरान अभिनय सम्राट
दिलीप कुमार ने धर्मेन्द्र के लिये कहा “मैं जब भी सर्वशक्तिमान ईश्वर से मिलूँगा तो ये शिक़ायत अवश्य करुँगा कि हे ईश्वर, आपने मुझे धर्मेन्द्र की तरह सुन्दर क्यों नहीं बनाया”. और वाकई, अभिनेत्रियाँ धर्मेन्द्र के मोहक रुप की दीवानी थीं और उनके साथ काम करने के लिये लालायित रहती थीं.
महानायक अमिताभ के साथ शोले, चुपके-चुपके, राम-बलराम में धर्मेन्द्र, मुख्य हीरो की भूमिका में रहे. जहाँ धर्मेन्द्र अभिनय सम्राट दिलीप कुमार को अपना बड़ा भाई, आदर्श मानते हैं तो अमिताभ के लिये वो उनके “धरम पाजी” हैं.
आज ८ दिसम्बर को जीवन के ८७ वर्ष पूर्ण करने वाले, बॉलीवुड के “हीमैन”, पद्मभूषण “धर्मेन्द्र को हार्दिक-हार्दिक बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएँ….
शिशिर भालचन्द्र घाटपाण्डे
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