मुंबई। शाहिद कपूर और कियारा आडवाणी की फिल्म कबीर सिंह ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी रिलीज़ के पहले वीकेंड में 70 करोड़ से अधिक का कलेक्शन कर एक नया रिकॉर्ड बना दिया है।
संदीप वंगा रेड्डी के निर्देशन में बनी तेलुगु फिल्म अर्जुन रेड्डी की इस हिंदी रीमेक कबीर सिंह ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर अपनी रिलीज़ के तीन दिन में 70 करोड़ 83 लाख रुपए का कलेक्शन किया है।
कबीर सिंह ने तीसरे दिन यानि रविवार को 27 करोड़ 91 लाख रूपये का शानदार कलेक्शन किया है। फिल्म ने पहले दिन 20 करोड़ 21 लाख रूपये की कमाई की जो शाहिद कपूर के करियर की सबसे बड़ी ओपनिंग है।
दरअसल ये शाहिद कपूर और कबीर सिंह के बहुत बड़ी जीत इसलिए है क्योंकि ये फिल्म किसी त्यौहार के मौके पर रिलीज़ नहीं हुई। फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट मिला। विश्व कप क्रिकेट में भारत के मैच भी आया। टिकट का दाम भी नहीं बढ़ा।आलोचना भी हुई। फिर भी फिल्म ने धाँसू प्रदर्शन किया है।
शाहिद कपूर ने इस फिल्म के जरिए अपने लिए बहुत कुछ अचीव कर लिया है। ये शाहिद कपूर के करियर की सोलो हीरो के रूप में ये सबसे बड़ी वीकेंड ओपनिंग भी है। कबीर सिंह ने तो आर राजकुमार के 66 करोड़, हैदर के 60 करोड़, शानदार के 43 करोड़ और कमीने के 41 करोड़ रूपये के लाइफ टाइम कलेक्शन को भी तीन दिन में भी पीछे छोड़ दिया है ।
अगर पद्मावत की पहले वीकेंड की 114 करोड़ रूपये की कमाई को छोड़ दिया जाय तो ये शाहिद कपूर के लिए सबसे बड़ा वीकेंड कलेक्शन है।
कबीर सिंह ने एडल्ट फिल्मों की कैटेगरी में भी वीकेंड कलेक्शन को लेकर पहला स्थान हासिल किया है। इससे पहले ग्रांड मस्ती को तीन दिन में 40.50 करोड़, सत्यमेव जयते को 37.62 करोड़, वीरे दी वेडिंग को 36.52 करोड़ और राज़ 3 को 35.05 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी।
कलंक ( 62.75 करोड़ रूपये ) और टोटल धमाल (62.40 करोड़ रूपये) को पीछे छोड़ते हुए कबीर सिंह इस साल रिलीज़ हुई फिल्मों के पहले वीकेंड में भारत, केसरी और गली बॉय के बाद चौथे स्थान पर है।
करीब 30 करोड़ रूपये में बनी और सेंसर से ए सर्टिफिकेट में पास की गई इस फिल्म को भारत में 3123 और ओवरसीज में 493 स्क्रीन्स में रिलीज़ किया गया है।
फिल्म की कहानी अपनी कॉलेज लाइफ की महबूबा प्रीति से एकदम अपारंपरिक ढंग से प्यार करने वाले कबीर सिंह (शाहिद कपूर) की है जो कभी भी अपनी प्रेमिका प्रीति (कियारा आडवाणी) से यह नहीं पूछता कि वह उससे प्यार करती है या नहीं।
बस वह पहली नजर से उससे प्यार करने लगता है और प्रीति को भी उससे कब प्यार हो जाता है उसे खुद पता नहीं चलता। लेकिन चीजें तब बिगड़ जाती हैं जब प्रीति के पिताजी शादी के लिए मना कर देते हैं और उसकी शादी किसी और से कर देते हैं। यहीं से शुरू होता है कबीर सिंह का वह सफर जिसमें वह अपने आप को तबाह करना शुरू करता है।
नशे में खोया कबीर एक बेहतरीन सर्जन है। इस काम में कभी उसे असफलता नहीं मिली। मगर एक घटना के बाद कबीर से वह काम भी छूट जाता है और उसके बाद उसकी जिंदगी में क्या-क्या होता है इसी ताने-बाने पर बुनी गई है ‘कबीर सिंह’।